चिलम के धुए में हम खोते चले गए,
 बाबा होश में थे, और हम माधोष् होते चले गए,
  जाने क्या बात है महादेव के नाम में,
  ना चाहते हुए भी उनके होते चले गए।

  जय महाकाल...!!!





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चीलम खीच के,

 भंग पीट के,

 रामे तन भस्म का छोला,

 तीनो लोक ते थार कानपे,

 जब तांडव करे मेरे भोला...


 हर हर महादेव.. जय शिवसम्भु.!!